तुम्हे जो कुछ मिला है तुम्हारे कर्मो से मिला है, जो नही मिला है तुम्हारे द्वारा किये गए कर्म अभी उसे देने में सक्षम नही है। कर्म के सिद्धांत को समझना अत्यंत आवश्यक है। अन्यथा हम जीवन भर मूर्ख बन कर कभी दया कभी कृपा कभी चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठे रहते है। कभी ढोंगी तांत्रिक तो कभी ढोंगी बाबा के चक्कर मे पड़ कर अपना सब कुछ लुटा देते है। भगवान की कृपा सब पर बराबर है। उसने मनुष्य जन्म दे दिया है, अब आगे जो कुछ भी प्राप्त करना है आप के कर्मो का ही खेल होगा। चमत्कार बिल्कुल नही होगा। रामायण का उत्तरकांड और गीता जी का अध्ययन आप का मार्ग दर्शन करेगा। ज्यादा गुरु और ज्यादा सत्संग भी भ्रमित करेंगे। भगवान कृष्ण को गुरु मान कर गीता जी का चिंतन करे। जिस कथा में जगत को छोड़ने की बात की जाय उस कथा और कथाकार को तुरंत छोड़ दे। ब्रह्म ज्ञानी संत की ही शरण ले। अत्यंत किताबी ज्ञान वाला गुरु भी भ्रम ही पैदा करेगा। किसी की भी निंदा करने वाले गुरु से सतर्क रहें। अभी वो भी बोध से दूर है। माता पिता जगत से श्रेष्ठ कोई नही। ये मेरा मत है। आगे जैसी आपकी मर्जी और आप का कर्म।
Thursday, 29 June 2017
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साक्षी पाण्डेय का जन्मदिन।
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*इसे पड़े और सेव कर सुरक्षित कर लेवे। वाट्सअप पर ऐसी पोस्ट बहोत कम ही आती है।👇* विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियो ...
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